सोशल मीडिया और संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर
भोपाल (मप्र)। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देश में हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए मध्य प्रदेश में भी राजधानी भोपाल समेत 40 से ज्यादा जिलों में शांति बनाए रखने के लिए धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है, वहीं भोपाल में दो महीने के लिए धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।
देश में हो रहे प्रदर्शनों के बीच प्रदेश में शांंति व्यवस्था कायम रहेे, इसके मद्देनजर प्रदेश के 52 में से 40 जिलों में बुधवार और गुरुवार को निषेधाज्ञा लागू की गई हैं। इस दौरान सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने और भीड़ के रूप में एकत्रित होने पर मुख्य रूप से प्रतिबंध लगाया गया है।
इसको लेकर सरकार द्वारा मैदानी अमले के अफसरों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं। वहीं इंटेलीजेंस को अधिक मुस्तैदी से कार्य करने के लिए कहा गया है। निषेधाज्ञा के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर संदिग्ध लोगों और उनकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाएगी । राज्य में कुछ स्थानों पर कुछ संगठनों की ओर से सीएए का विरोध करने की सूचनाओं को देखते हुए ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं।
भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर चल रहे प्रदर्शनों को देखते हुए भोपाल में धारा 144 के तहत दो महीने के लिए निषेधाज्ञा लागू की है। भोपाल जिले में 18 दिसंबर से 18 फरवरी 2020 तक धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके तहत सार्वजनिक स्थलों पर 5 या उससे अधिक लोगों के एक जगह एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पारिवारिक सदस्यों, विवाह समारोह, बारात तथा शवयात्रा और शासकीय कार्यालयों, चिकित्सालय, शिक्षण संस्थाओं, होटल, दुकान, उद्योग और सार्वजनिक सेवाओं पर ये आदेश प्रभावी नहीं होगा।