परिवहन विभाग - अधिकारियों के आदेश को नजरअंदाज कर ऐश छान रहे अधिकारी /कर्मचारी

 कार्य में कसावट लाने के लिए परिवहन मुख्यालय में तैनात कर्मचारियों को आदेश दिया गया कि आगामी व्यवस्था में उन्हें संयुक्त परिवहन आयुक्त के निर्देशन में कार्य करना है। लेकिन आदेश निकले हफ्ता भर गुजर गया मगर किसी ने आमद तक दर्ज नहीं कराई।


सुनहरा संसार 

                            अहम सवाल 

इस आदेश के बाद एक बात समझना बहुत जरूरी है कि चेकपोस्टों पर तैनात अमले द्वारा रोजनामचे में उपस्थिति दर्शाना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन मुख्यालय में तैनात अधिकारी और कर्मचारियों की उपस्थिति कैसे दर्ज हो जाती है क्योंकि हाजिरी मुख्यालय में बरिष्ठतम अधिकारियों के स्टेनो के पास रहता है । क्या इस बात की जांच करके दोषियों को दंडित किया जाएगा ? 

मप्र परिवहन विभाग में पदस्थ मैदानी अमला अधिकारियों के आदेश तथा अपने कर्तव्यों के पालन में कितना गंभीर रहता है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 1 जनवरी 2020 को परिवहन आयुक्त कार्यालय से आदेश जारी किया गया कि ग्वालियर संभाग में वाहन चेकिंग, बकाया बसूली एवं अन्य विभागीय कार्यों को गति देने के लिए संयुक्त परिवहन आयुक्त के अधीनस्थ रहकर उनके निर्देशन में कार्य करना है। साथ ही आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि आदेश का तत्काल प्रभाव से कड़ाई से पालन किया जाए, तथा किसी भी परिस्थिति में बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के कर्तव्य से अनुपस्थित रहने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। हैरानी की बात यह है कि इतने सख्त आदेश के बाद भी शायद ही किसी अधिकारी या कर्मचारी ने आमद तक दर्ज कराई हो निर्देशन में कार्य करना तो बहुत दूर की बात है।

इस संबंध में उप परिवहन आयुक्त द्वारा दो कर्मचारियों को सस्पेंड भी कर दिया गया है, तथा कुछ लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। लेकिन जिन लोगों के सस्पेंशन की बात डिप्टी टीसी कर रहे हैं उनका इस सूची में नाम ही नहीं है। वहीं परिवहन आयुक्त का कहना है कि राजस्व व्यवस्था के लिहाज से अतिरिक्त परिवहन आयुक्त द्वारा ऐसा किया गया है , यदि मैरे संज्ञान में लाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह है कि मलाई काटने का आदी हो चुका मैदानी अमला इस आदेश की ना फरमानी के लिए अधिकारियों को क्या दलील देता है। 

 

                      इनका कहना

माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई तथा राजस्व की दृष्टि से ऐसा किया गया है। वहीं आदेश की अवहेलना के कारण दो लोगों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है, तथा शेष को नोटिस जारी किये जा रहे हैं। 

       महेंद्र सिंह सिकरवार 

       अति. परिवहन आयुक्त (राजस्व) 


इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, मामला मेरी जानकारी में नहीं आया है, ऐसा है तो कार्रवाई होगी। 

 वी मधुकुमार 

परिवहन आयुक्त