क्या हुआ जब नंगे पैर मंत्री पद की शपथ लेने पहुंचे प्रद्युमन सिंह तोमर


सुनहरा संसार 


मध्यप्रदेश के बहुप्रतीक्षित मंत्रीमंडल का विस्तार अंततः 2 जुलाई यानि गुरुवार को हो गया। इस विस्तार में प्रद्युमन सिंह तोमर नंगे पॉव शपथ ग्रहण करने पहुंचे जो चर्चा का विषय रहा। मंंत्रिमंडल गठन के बाद तमाम चहरों पर मुस्कान दिखी तो कुछ मंत्री बनने की लालसा लिए मन मसोस कर रह गए। पार्टी ऐसे बरिष्ठ लोगों को संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपने का मन बना रही है।


मंत्री पद की शपथ के समय एक नजारा यह भी था कि पूर्व मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर मंच पर बिना जूते-चप्पल के नंगे पॉव शपथ ग्रहण करने पहुंचे उनको इस तरह देखकर हैरानी भी हुई, लेकिन प्रद्युमन सिंह सहज थे। दरअसल मंत्री श्री तोमर ने क्षेत्रीय जनता को भीषण गर्मी में पानी के लिए परेशान होते देखा था। जनता की पीड़ा को महसूस करते हुए उन्होंने एक माह पहले अधिकारियों के सामने प्रण लिया कि मैं आप लोगों को डांट-फटकार लगाने के बजाय नंगे पैर रहकर स्वयं वो कष्ट झेलूंगा जो जनता झेल रही है, और यह तब तक चलता रहेगा जब तक इन्हें इस समस्या से निजात नहीं मिल जाती है।


यह कहने में हर्ज नहीं है कि केबिनेट मंत्री श्री तोमर का यह गांधीवादी अंदाज परवान चड़ा और आज उपनगर ग्वालियर के ज्यादातर क्षेत्रों में पानी की नई लाइने लोगों को स्वच्छ और भरपूर पानी मुहैया करा रही है। 


जबकि अक्सर देखा गया है कि जनप्रतिनिधि अधिकारियों पर पॉवर पॉलिटिक्स करके अपनी बात मनवाने में विस्वास रखते हैं। पिछली सरकार में मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने जन जागरुकता लाने के लिए एवं नाली-नालों की गंदगी से क्षुब्ध होकर न सिर्फ फावड़ा उठाया बल्कि स्वयं ने नालों कूदकर कई दिनों तक सफाई अभियान चलाया परिणामस्वरूप ग्वालियर स्वच्छता रेटिंग कई पायदान उपर पहुंच गया।


इस संबंध में मंत्री श्री तोमर से जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि जनसेवा के लिए " जो रास्ता मुझे अच्छा लगा मैंने वह चुना" अब लोगों की सोच को तो मैं बदल नहीं सकता। मुझे लगा कि क्षेत्र की जनता भीषण गर्मी में पानी के लिए कष्ट झेल रही है तो उनका सेवक होने के नाते नंगे पैर रहना मंजूर किया, जनता के प्यार का ही परिणाम है कि लगभग क्षेत्रों के घरों में बिना परेशानी के पानी पहुंच रहा है, मुझे बिना चप्पल-जूते के रहने में शर्म नहीं गर्व महसूस होता है कि जनसेवा के लिए जो प्रण लेता हूं वह जनता के प्यार से पूर्ण भी होता है। 


शिवराज मंत्रीमंडल का यह विस्तार अपने आप ऐतिहासिक रहा है, मसलन ग्वालियर चंबल को सबसे ज्यादा तवज्जो देते हुए पहली बार 12 मंत्री मिले हैं। वहीं इस बार पार्टी ने अपनी लीक से हटकर पहली बार के विधायकों को मंत्री पद से नवाजा है। ऐसे निर्णय के पीछे वजह बताई जा रही है राजनीति में अगली पीढ़ी को तैयार करना। हालांकि इस बार कैडर वेश पार्टी को भी मंत्रीमंडल विस्तार में खासी मेहनत करनी पड़ी और अंततः हाईकमान के दखल के बाद नए चेहरों मौका दिया गया।