मुकेश जैन 23 जुलाई को करेंगे परिवहन आयुक्त का पद ग्रहण


सुनहरा संसार  


 


 


मध्यप्रदेश परिवहन आयुक्त के रूप में गुरुवार को एडीजी मुकेश कुमार जैन द्वारा पदभार ग्रहण करने की तैयारी शुरू हो गई है। मप्र भवन दिल्ली में ओएसडी रहे एडीजी मुकेश कुमार जैन (1989 बैच) को राज्य सरकार ने नया ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बनाया है। लंबे समय तक केंद्र में सेवा देते रहे श्री जैन के सामने विभाग में व्याप्त चुनौतियां भी बड़ी है, अब देखना होगा कि इनसे निपटने के लिए उनके द्वारा क्या कदम उठाए जाते हैं। 


 


गौरतलब है कि प्रदेश के परिवहन विभाग में हाल ही में कुछ षडयंत्रकारियों ने एक पुराने स्टिंग और बेनामी शिकायत करके एडीजी मधु कुमार को परिवहन आयुक्त के पद से हटवा दिया। खबर है कि विभाग में नोटप्रकाश के नाम चर्चित बाबू ने इस पूरी कहानी की पटकथा रची थी, वजह थी थोकबंद ट्रांसफर से की गई काली कमाई को हजम करना। कमाल की बात यह है कि बाबू ने इसके लिए ऐसा समय चुना जब मंत्री और परिवहन आयुक्त के बीच विभागीय क्रियाकलापों को लेकर गर्माहट पैदा हो चुकी थी। 


बहरहाल ऐसे में शासन ने मुकेश जैन को अब यह जिम्मेदारी सौंपी है। श्री जैन को सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का करीबी माना जाता है। बता दें कि जब सिंधिया केंद्र सरकार में मंत्री थे उस समय मुकेश कुमार जैन उनके मंत्रालय में ज्वाइंट सैक्रेटरी रहे हैं ।



कहा जा सकता है कि नवागत परिवहन आयुक्त को राज्य से ज्यादा केंद्र में काम करने का अनुभव रहा है। ऐसे में उनको उस विभाग की जिम्मेदारी मिली है जो वर्तमान में काफी बदनामी झेल रहा है, ऐसे में उन्हें उनके भाई उपेंद्र जैन, जिन्होंने इस विभाग के राजस्व वृद्धि के लिए कई कदम उठाए थे कितने मददगार साबित होते हैं यह आने वाला समय बताएगा।


 


 नवागत परिवहन आयुक्त के लिए चुनौतियां 


 


* अधिकारियों के बजाय व्यक्ति विशेष के हाथों से पॉवर पॉइंट छीन कर अमले को राहत दिलाना


* केंप कार्यालय के नाम पर ग्वालियर मुख्यालय को उपेक्षा से निजात दिलाना 


* विभाग में व्याप्त अघोषित ठैका प्रथा से मैदानी अमले में हीन भावना का अंत करना 


* नोटप्रकाश के नाम से चर्चित बाबू के तिलिस्म को तोड़कर विभाग की बिगड़ती छवि को सुधारना 


 * मृतप्राय हो चुकी रोटेशन व्यवस्था को फिर से जीवित करना 


* सबसे बड़ा सवाल विभाग को दीमक बनकर खतम कर रहे लोगों के खिलाफ निश्पक्ष कार्रवाई कर खोई हुई छवि को फिर से जीवित करना