शिव की निगाह इधर भी हो जाए तो विभाग का काम तमाम होने से बच जाए


सुनहरा संसार 


मध्यप्रदेश से कांग्रेस के हाथों से सत्ता खिसकते ही चक्का वाले विभाग में राजा की कृपा से बैठे बड़े साहब भी अब अपने आप को कुछ दिन का महमान मानकर साउथ की ऐक्शन फिल्मों से दिल वहला रहे हैं, या यूं कहें कि बाबू के इशारे पर चल रहे हैं। 


दरअसल छोटे साहब पहले ही विदा हो चुके हैं और अब उनके स्थान पर शिव अनुयायी ने कमान संभाली है। लिहाजा राजधानी के बजाय गालव की नगरी में रहकर विभाग की छबि बिगाड़ने वालों का बारीकी से अध्ययन करने में जुटे हैं। 


इधर खबर आ रही कि नोटप्रकाश के नाम से विभाग में कुख्यात बाबू ने बड़े साहिब की चिंता में अपना फायदा देखते हुए एक मंत्री जी के करीबी से मिलकर साहब को उपचुनाव तक रोकने का प्रस्ताव रखा। 


बताया जाता है कि इसके लिए नोटप्रकाश ने डीपीटीपी और दो अन्य थ्री स्टार के साथ मिलकर 25 खोके का इंतजाम कर दिया , इसके एवज में तैनाती अपने हाथ में ले ली है। अब ये टीम अपने हिसाब से आरक्षक को प्रभारी बनाए या चालक को बड़े साहब केवल चिड़िया बिठायेंगे ?


बाबूजी की टीम से त्रस्त मैदानी अमले ने अब मुंह खोलना शुरू कर दिया है वे तैनाती स्थल पर जाने के बजाय रकम लौटाने के लिए दबाव बना रहे हैं । क्योंकि साहिब के पंचों ने ये रकम लोगों से मनमाफिक पोस्टिंग के नाम पर ली थी लेकिन पोस्टिंग न मिलने से अब वह तकादा कर रहे हैं, जिन्हें बाबू साहब का रोब दिखाकर चुप करा देते हैं। अपने राम तो बस यही दुआ करेंगे कि शिव की निगाह इधर भी हो जाए तो विभाग का काम तमाम होने से बच जाए।