झारखंड से निधि निवेदिता 2012 के बेच की IAS ऑफिसर हैं। हाल ही में राजगढ़ में लॉ एंड ऑर्डर के लिए उन्होंने जिस तरह से सामना किया है वह चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे पहले जब सिंगरौली जिले में जिला पंचायत सीईओ के तौर पर तैनात थीं, तब वहां के पंचायत सचिव ने घपला किया था. बिना शौचालय बनाए उसकी फोटो दिखा दी थी. उसके बाद उन्होंने सचिव से उठक-बैठक तक करवाई थी। कलेक्टर निवेदिता की संवेदनशीलता तब दिखाई दी जब एक लड़की कविता दांगी को बी पॉजिटिव खून की जरूरत थी। फेसबुक पर पोस्ट देखकर निधि ने अस्पताल जाकर उस मासूम के लिए रक्तदान किया।
प्रियंका दास (कलेक्टर )
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2009 बैच की आईएएस अधिकारी प्रियंका दास कलकत्ता के मिडिल क्लास परिवार से आती है। लेकिन सिविल सेवा का जुनून था जिससे उन्हें ये मुकाम हासिल हुआ। इस समय चंबल संभाग के मुरैना जिले की कलेक्टर हैं। जहां उन्होंने रेत माफियाओं और मिलावट खोरों की नाक में दम कर रखा है। उनका कहना है कि महिला अधिकारियों को लेकर आज भी लोगों की मानसिकता ज्यादा बदली नहीं है। इसके लिए जरूरी है हमारा सेल्फ कॉन्फिडेंस और निर्णय लेने की क्षमता, जिसके रहते हुए किसी भी परिस्थिति का आसानी सामना किया जा सकता है। शायद यही वजह है कि मुरैना जैसे जिले में मिलावटी दूध का कारोबार करने वाले एक दर्जन के करीब लोगों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई करके सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। चर्चा तो यह भी है इसके बाद उन्हें इंदौर जैसे बड़े शहर की जिम्मेदारी मिलने वाली है। . शिवानी गर्ग प्रिया वर्मा
जयति सिंह (एसडीएम)
ग्वालियर जिला स्थित मुरार एसडीएम जयति सिंह 2016 बैच की आईएएस अधिकारी मूलत: उत्तर प्रदेश से हैं। जहां भी इनकी पोस्टिंग हुई वहां उन्होंने अपनी कार्यकुशलता से एक अलग पहचान बनाई है। वर्तमान में उन्होंने मिलवाटखोरों और अवैध शराब के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। आम लोगों के लिए इंसाफ पसंद जयति सिंह ने इससे पहले डबरा एसडीएम रहते हुए अवैध उत्खनन पर लगाम लगाने के लिए रातों को छापामार कार्रवाई करके माफियाओं की नींद हराम कर दी थी। वर्तमान में जयति सिंह मुरार एसडीएम के अलावा कलेक्टर अनुराग चौधरी द्वारा लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाई गई पिंक सेल की प्रभारी भी है जिसके तहत जयति स्त्री सुरक्षा के अलावा स्कूलों में जाकर छात्राओं को सेल्फ डिफेंस सिखाकर मजबूत बनाने का काम भी कर रही है।
दीपशिखा भगत (एसडीएम)