मप्र की जेलों में कैदी इंजीनियर के रूप में गढ़ेंगे अपना भविष्य ! 


सुनहरा संसार 



मध्य प्रदेेश। कमलनाथ सरकार के गृहमंत्री बाला बच्चन द्वारा बंदियों के बैहतर भविष्य के लिए  तकनीकी शिक्षा विभाग के साथ मिलकर बंदियों को वोकेशनल ट्रेनिंग देने का फैसला लिया गया है। इसके लिए सरकार जेल विभाग को 5 करोड़ का फंड देने जा रही है। ताकि जेलों में बंद कैदी इच्छानुसार कोर्स चुनकर तकनीकी शिक्षा में दक्षता हासिल कर स्वावलंबी बन सकें। 


इसको लेकर कौशल विकास एवं व्यावसायिक बोर्ड की बैठक में 5 करोड़ का फंड भी तय कर दिया गया है। ज्ञात हो कि अभी तक अस्थायी फंड होने की वजह से जेलों में ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने में दिक्कत आती थी। उसका कारण था कि जेल प्रशासन जो भी प्रस्ताव तैयार करता था उसे पहले वित्त विभाग को भेजा जाता था,  वहां से स्वीकृति के बाद फंड आने पर ही कैदियों को स्वावलंबी बनाने की ट्रेनिंग वगैहर हो पाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि अब जेल मुख्यालय फंड को जरूरतों के हिसाब से स्तैमाल करने के लिए स्वतंत्र होगा ।

 गृहमंत्री बाला बच्चन ने तकनीकी शिक्षा विभाग के समन्वय से प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को वोकेशनल ट्रेनिंग कराने का फैसला लिया है। इसके लिए उन्होंने विभाग को निर्देश दे दिए हैं कि पहले प्रोग्राम तैयार किया जाएगा और फिर कैदियों को तमाम इंजीनियरिंग कोर्स कराए जाएंगे। इसका सबसे बड़ा लाभ उन कैदियों को होगा जो किसी गलती की वजह से जेलों में बंद हैं और अपने भविष्य के लिए चिंतित हैं। सरकार की इस पहल से इच्छुक कैदी डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कर सकेंगे। इसके अलावा भी कैदियों को आईटीआई के तहत तमाम कोर्स करने के अॉपसन रहेंगे जिससे वह अपने सुनहरे भविष्य की नींव गढ़ सकते हैं । 

                   इनका कहना

 


अभी तक फंड को लेकर थोड़ी समस्या रहती थी, लेकिन अब शासन की ओर से एकमुश्त फंड दिया जा रहा है, इससे कैदियों के स्किल डेवलपमेंट में गति आएगी। 

        जीआर मीणा 

           एडीजी जेल

 


कैदियों की स्किल डेवलपमेंट के लिये शासन द्वारा 5 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है, मीटिंग के बाद तय होगा कि इच्छुक कैदियों को आईटीआई के अलावा इंजीनियरिंग डिप्लोमा आदि कराया जाए, ताकि वह बाहर निकलने के बाद बैहतर जीवन जी सकें। 

  मनोज साहू

जेल सुपरिंटेंडेंट ग्वालियर