मप्र - उत्कृष्ट छात्रावासों में बच्चों के जीवन से अधीक्षकों का खिलवाड़, एसडीएम की जांच में हकीकत उजागर

गुना। शहर में संचालित उत्कृष्ट छात्रावासों में सरकारी मंशाओं पर पानी कैसे फेरा जा रहा है , इसकी बानगी तब देखने को मिली जब शिकायत के आधार पर एसडीएम शिवानी गर्ग छात्रावासों का ओचक निरीक्षण करने जा धमकी। निरीक्षण के समय अधीक्षक और कर्मचारी सभी नदारद मिले, वहीं भोजन की गुणवत्ता और छात्र संख्या भी वहां की व्यवस्था की कहानी खुद व खुद बयान कर रहे थे।


शुक्रवार को एसडीएम शिवानी गर्ग दोपहर 2 बजे  उमरी रोड स्थित बाबू जगजीवन राम योजना के तहत संचालित उत्कृष्ट छात्रावास पहुंची। वहां पहुंच कर देखा तो न तो वहां अधीक्षक मौजूद थे और न ही कोई अन्य कर्मचारी, बच्चे भी बहुत कम संख्या में मिले। जब शिवानी ने बच्चों से स्कूल न जाने का कारण पूछा तो  बच्चे बहाने बनाते नजर आए। उत्कृष्टता की बात की जाए छात्रावास में साफ-सफाई के नाम पर यदि कुछ था तो चारों तरफ गंदगी । इसके बाद एसडीएम नानाखेड़ी स्थित शासकीय जिला उत्कृष्ट बालक छात्रावास में पहुंची। यहां भी कमोबेश हालात पूर्व छात्रावास की तरह मिले। हॉस्टल की बाहरी दीवारें जगह-जगह से उखड़ी पड़ी थीं। छात्रावास की हालत इतनी जर्जर कि कभी भी कोई हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता। 

बालक छात्रावास के निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने किचन का मुआयना किया तो वहां रोटियां देखकर वो खुद अचरज में पड़ गयीं। रोटियां अधपकी और अधजली हुईं थी, इस पर उन्होंने काफी नाराजगी जाहिर की लेकिन वहां सुनने वाला कोई नहीं था । निरीक्षण के दौरान जो सबसे बड़ी बात निकल कर आई कि सरकार द्वारा निर्धारित मेनू के अनुसार बच्चों को भोजन दिया ही जा रहा है। 

 

           उत्कृष्टता का स्याह चेहरा  

निरीक्षण के दौरान दोनों ही छात्रावासों में अधीक्षक नदारद मिले। वहीं उमरी रोड स्थित छात्रावास में तो केवल बच्चे ही थे। बच्चों ने बताया कि अधीक्षक सुबह कुछ देर के लिए आते हैं और चले जाते हैं। इस छात्रावास में बच्चों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही चल रही है। वहीं नानाखेड़ी स्थित छात्रावास में भी दृश्य कुछ ऐसा ही था। वहां भी अधीक्षक के कमरे में ताला लटका हुआ मिला। इसके अलावा भंडार गृह में रखी सामग्री भी धूल खाती हुई नजर आयी। पलंगों पर लगाई जाने वाली प्लाई सड़ने लगी है। बच्चों के लिए आया टीवी बाथरूम में रखा हुआ मिला। वहीं गद्दे भी आधे फट चुके हैं। इसके अलावा छात्रावास का पहुंच मार्ग कीचड़ से सना हुआ था। पानी की निकासी न होने के कारण गंदा पानी सड़क पर भरा हुआ था, जिससे वहां कीचड़ और बदबू खुलेआम बीमारियों को निमंत्रण दे रही थी। 

 

                        इनका कहना 

बच्चों की शिकायत पर  छात्रावासों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान दोनों ही छात्रावासों के अधीक्षक एवं कर्मचारी अनुपस्थित मिले। इस संबंध में जांच  प्रतिवेदन बनाकर कलेक्टर को भेजा दिया ।

                                  शिवानी गर्ग, एसडीएम