सुनहरा संसार
मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल गेट पर भी सिंंधिया की गुमशुदगी पोस्टर लगाने को लेकर राजनीति में उवाल आना तय है। पोस्टर लगाने से नाराज भाजपा और सिंंधिया समर्थकों ने सिद्धार्थ के खिलाफ मामला दर्ज कराया जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पोस्टर में लिखा है कि सिंधिया कांग्रेस में रहकर जनसेवा नहीं कर पा रहे थे जो भाजपा में आकर कोरोना महामारी के समय मजदूरों की आवाज नहीं उठा सके। जिन्हें रोड पर उतरने का शौक था वे आज गुमशुदा हैं। पोस्टर में सिद्धार्थ सिंह राजावत का नाम और मोबाइल नंबर लिखा है और ज्योतिरादित्य सिंधिया की तलाश करने वाले को 5100 रुपए का ईनाम देने की बात भी लिखी है।
वहीं सिंधिया समर्थकों ने सिध्दार्थ के खिलाफ मौर्चा खोलते हुए सोशल मीडिया तथा जमीनी स्तर पर कहा है कि हम सब सिंधिया का पता बता देते हैं पर क्या सिद्धार्थ में हम सब लोगों को पैसे देने की हिम्मत है। किरन खैनवार ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि श्री सिंधिया लॉकडाउन के पालन में ग्वालियर नहीं आ रहे और दिल्ली से जनता की सेवा कर रहे हैं, शायद ओछी राजनीति करने से पहले उन्होंने अखबार पढे़ होते, जो कल तक एक तस्वीर के लिए लाइन में लगे रहते थे। किरन ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार, सांसद, विधायक और मंत्री तथा पूर्व विधायक जनता की सेवा में पूरी तन्मयता से लगे हैं, यदि वाकई कमलनाथ और कांग्रेस के सच्चे सिपाही हो तो पता हम बताते हैं तुम इनाम की राशि दो वर्ना सार्वजनिक रूप से माफी मांगो।
उधर भाजपा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए इसे ओछी मानसिकता करार देते हुए कहा है कि यह उपचुनाव में कांग्रेस की हार से पहले की बोखलाहट है। उनका कहना है कि पुलिस ने धारा 188 और 501 में मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ के क्षेत्र छिंदवाड़ा में इसी तरह उनकी और उनके बेटे नकुल नाथ की गुमशुदगी के पोस्टर लगे थे। कमल नाथ के क्षेत्र छिंदवाड़ा में पहली बार उनका इस तरह से विरोध हुआ है। इसी तरह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को लेकर भी इसी तरह के पोस्टर उनके क्षेत्र में लग चुके हैं। इसलिए भााजपा इसे बदले की बोखलाहट के रूप में देख रही है।