सुनहरा संसार -
मध्यप्रदेश। धार जिले के ग्राम भमोरी में एक पिता को अपने बच्चे की अलग पहचान बनाने के जुनून ने मप्र को एक मध्यप्रदेश सिंह दे दिया, तो मध्यप्रदेश सिंह ने अपने पिता की भावनाओं का आदर करते हुए अपने छह महीने के बेटे का नाम प्रदेश की राजधानी भोपाल रख दिया और राज्य तथा राजधानी एक ही छत के नीचे आ गए । ![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgC-YCer47nQXKM0XKl1TXUZuweHdkO2YcSGgcrWqDFVojy9t-Mr3Z8qrRkQaFNr_-0ZXSTak8dIPbDjLGTt3JaTKuhhwXnEXw_m2yt20oHh_X30X5S4V3zhWEpCsHIt7oVrz-ksqvp3dwI/)
पिता राज्य और बेटा राजधानी, वो भी उसी राज्य में जहां के वे निवासी हैं तो आश्चर्यचकित होना लाजिमी है। जी हां, मप्र के धार जिले में एक ऐसा परिवार है जहां पिता राज्य है तो नन्हा बेटा राजधानी, यहां हम बात कर रहे हैं मनावर तहसील के ग्राम भमोरी में रहने वाले मध्यप्रदेश सिंह की। इनका नाम सुनकर आश्चर्य होना स्वाभाविक है, परंतु ये सही है कि इनका नाम मध्यप्रदेश सिंह ही है, इनको यह नाम इनके पिता मदन अमलावर ने अलग पहचान दिलाने के लिए रखा था। वर्तमान में श्री सिंह अमलावर झाबुआ के शहीद चंद्रशेखर आजाद कॉलेज में बतौर गेस्ट फेकल्टी भूगोल विषय के शिक्षक हैं। श्री अमलावर बताते हैं कि बचपन में मुझे अपना नाम बताने में अटपटा लगता था, वहीं बताता था तो लोग यकीन नहीं करते थे। लेकिन जैसे - जैसे बड़े और समझदार हुए तथा नाम का महत्व समझा तो सब कुछ सहज लगने लगा, वे बताते हैं कि लोगों को अपने नाम का विस्वास दिलाने के लिए वह अपने ड्क्यूमेंट हमेशा साथ रखते हैं। श्री अमलावर कहते हैं कि मैं मैरे पिता द्वारा हटकर दिए गए नाम से बहुत खुश हैं, लोग मैरे बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं, मध्यप्रदेश सिंह हास्य करते हुए कहते हैं कि मैरे पिता मदन अमलावर राज्य के पिता हैं तो मैं भी राजधानी का पिता हूं। वास्तव में देखा जाए तो नामकरण का ये अपने आप में अनूठा मामला होगा जहां एक ही छत के नीचे राज्य और राजधानी रहते हैं।
छह महीने के बेटे का नाम भोपाल ![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhmnqPNNcILOMf82EGYq9rNyS83y1P3ZGBgtt3HB4omwV-neWSr4hQEpJiwZmFN8LjVEwtUhOyJ7FprJFmZNQKSulAApwuLvtn0g7UiP5VLYpeBJWqMW0oneOWcsHgRNzvzdoc98xSxMYEE/)
मदन अमलावर के बेटे मध्यप्रदेश सिंह ने अपने नाम की तरह अपने बेटे का नाम भी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के नाम पर भोपाल सिंह रख दिया है। श्री अमलावर की इच्छा थी कि पहले बच्चे का नाम भोपाल सिंह रखेंंगे लेकिन बेटी हुई तो उसका नाम भी लोगों से हटकर प्रकृृति रख दिया और उसके बाद बेटा हुआ जिसका नाम उन्होंने भोपाल सिंह रखा, भोपाल अभी छह महीने का है।
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