विश्व कैंसर दिवस की पूर्व संध्या पर विषय विशेषज्ञों ने रखे विचार


सुनहरा संसार 


विश्व कैंसर दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित परिचर्चा के प्रमुख वक्ता के रूप में रायपुर से पधारे सुपर स्पेशलिस्ट  क्लीनिकल हिमेटोलॉजिस्ट (रक्तविकार विशेषज्ञ) डॉ विकास गोयल  ने बताया कि विशेष रूप से ब्लड कैंसर के मरीजों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही एकमात्र इलाज है, जो अब पहले जितना जटिल नहीं रह है। 

बोन मैरो डोनर 0% रिस्क के साथ बोन मैरो डोनेट कर सकता है

 

साथ ही थैलीसीमिया पर भी विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि कैंसर शरीर के किसी भी पार्ट में कोशिकाओं की असमान्य वृद्धि के कारण हो सकता है। लेकिन ब्लड कैंसर के लक्षण जैसे शरीर में ब्लड की कमी कमजोरी के लक्षण भी हैं और कैंसर के भी, इसी तरह प्लेट लेट्स का कम होना, इस तरह आसानी से पता न चलने के कारण अक्सर देर हो जाती है। उन्होंने कहा कि विवाह पूर्व जोड़ों की जन्मपत्री मिलाने की बजाय थैलीसीमिया जाँच अनिवार्य रूप से करवा ली जानी चाहिए ताकि दो माइनर थैलीसीमिया पार्टनर के विवाह से एक मेजर थैलीसीमिया बच्चा जन्म न ले क्योंकि कैंसर छह महीने के बच्चे से लेकर 85 साल तक के बुजुर्ग को भी हो सकता है ।

 

इस अवसर पर सुप्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डॉ बी आर श्रीवास्तव  ने बताया कि जितनी जल्दी कैंसर डिटेक्ट हो जाये वही इसकी रोकथाम है। इसलिए शरीर में होने वाले मामूली से परिवर्तन को भी नजरअंदाज न करें। विशेष रूप से महिलाएं  संकोचवश किसी को बताती नहीं है इसलिए महिलाओं में ब्रेस्टकैंसर सबसे ज्यादा होता है। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष 12 से 14 लाख लोग कैंसर से ग्रसित होते हैं जिनमें 6 से 7 लाख लोग जानकारी के अभाव में चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में खान-पान और पहनावे के कारण गर्भाशय के साथ- साथ ब्रेस्ट कैंसर के केश भी बड रहे हैं, इससे बचने का अहम उपाय है जागरूकता और सही खान - पान, ऐसा करने से ही इस बीमारी से निपटा जा सकता है।