कोरोना - ये जंग नही आसां बस इतना समझ लीजे , मिलकर इसे हराना है कोशिश तो जरा कीजे


सुनहरा संसार



अतिआवश्यक सेवाओं में सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी

 

  राकेश कु०यादव

बछवाडा़(बेगूसराय )

कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सरकार द्वारा घोषित सोशल डिस्टेंस की लगातार अपील की जा रही है । लॉकडाउन में केवल अतिआवश्यक सेवाओं जैसे खाद्यन , सब्जी या मेडिसन के लिए विशेष छुट दी गयी है | लेकिन वहां लोगों द्वारा एक दूसरे के बीच एक मीटर की दूरी बनाए रखने की शर्तों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है , जो तमाम एहतियात के बीच खुलेआम संक्रमण को निमंत्रण देने के समान है  । 

 

पिछले तीन दिनों के भीतर  बिहार के बेगूसराय जिले में लॉकडाउन के दौरान अक्सर यह देखा गया है कि फल-सब्जी , राशन ,मेडिकल , बैंक आदि महत्वपूर्ण एवं अतिआवश्यक सेवाओं वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर लोगों में कोई गंभीरता नही है | यहां न सिर्फ  एक मीटर की निर्धारित दूरी बनाए रखने की शर्तों का उलंघन किया जा रहा है बल्कि लॉकडाउन जैसी इमरजेंसी का मजाक बनाया जा रहा है। लेकिन प्रशासनिक तत्परता से इन  सेवाओं को बहाल भी रखा जा सकता है और संक्रमण से भी बचाया जा सकता है |

मगर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी सड़क पर चलने वाले जरूरतमंदों पर लाठियां चटका कर अपनी सक्रियता का दिखावा कर ड्यूटी पूरी कर रहे है  । सड़को पर निगरानी जरूरी है मगर संक्रमित होने से बचाने के लिए मुख्य रूप से ऐसे स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का अनदेखा किया जाना चिंता का विषय है । उक्त मामले को लेकर पूर्व विधायक अवधेश राय, समाजसेवी लालबहादुर यादव समेत अन्य गणमान्य लोगों नें सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अतिआवश्यक सेवाओं को बहाल रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के तहत एक मीटर की दूरी बनाए रखने हेतु प्रशासनिक पहल की मांग की है ।


 

      अपनी जिम्मेदारी समझेंगे तभी जीत संभव

 

यदि  भारत मे इसे अब भी गंभीरता से नहीं लिया गया तो ये भारतीयों की सबसे बड़ी भूल होगी | क्योंकि अभी भारत में ये वाइरस सेकेंड स्टेज पर है ,जिसे हम एहतियात और सजग होकर आसानी से हरा सकते हैं |लेकिन इसके  बाद 'THIRD STEP"  यानी " कम्युनिटी ट्रान्शमिशन"की ङार्क स॔भावना बन जाएगी जिससे निपटना काफी कठिन होगा , इसलिए सजग होकर अपने और अपनो के भविष्य के लिए शासन और प्रशासन का सहयोग कर इस महामारी को हराने में हाथ बढा़एं |