लाॅकडाउन  में सामने आया कालाबाजारियों का काला चेहरा

 


 


 


 



सुनहरा संंसार


 

राकेश कु०यादव

 (बेगूसराय)

 सरकार द्वारा घोषित लाॅकडाउन के बीच सुबह एवं शाम होते हीं आवश्यक खाद्य सामग्रियों की खरीदारी के लिए लोग हाथ में थैला लेकर निकल पड़ते हैं । वहीं सौदागर बने दुकानदार इंसानियत को तिलांजली देकर दुगने दाम ऐसे बसूल रहे मानो इनकी इंसानियत मर चुकी है |

सबसे ज्यादा भीड़ सब्जी एवं राशन  की दुकानों पर देखने को मिल रही है। यूं तो लाॅकडाउन के बाद इन दुकानों पर आम लोगों की भीड़ जुटना जहां एक मजबूरी है , वहीं   इसकी आड़ में बडे़ दुकानदार जमाखोरी एवं छोटे दुकानदार दोगुने दाम बढाकर आमजनों की इस बेबसी का फायदा उठाने में लगे हैं । सब्जियों की दुकानों पर आलु,प्याज, टमाटर ,मटर ,गोभी आदि के दाम भी आसमान छुने लगे है। लेकिन लोगों की मजबूरी है कि लाॅकडाउन  के कारण आमलोग दुगुने एवं तीगुने दामों पर भी फल एवं सब्जियाँ खरिदते देखे गये । हलांकि प्रशासनिक तौर पर फल ,सब्जियों एवं राशन जैसी आवश्यक ,अवश्यकता  वाली सामग्रियों की कालाबाजारी करने वालों पर कोई कार्यवाई नहीं की गयी है,जिसके कारण कालाबाजारियों का मनोबल बढा़ हुआ है। दुकानदारों से रेट बढ़ने की वजह पूछने पर यह बताया गया कि इन सब्जियों का दाम मंडियों में हीं दुगुना देना पड़ रहा है जिसके कारण उंचे दामों पर बेचना पड़ रहा है। वहीं एक राशन दुकानदार विक्रम कुमार नें बताया कि जिस थोक विक्रेता से सब दिन हमलोग खाद्य सामग्रियों का उठाव किया करते थे वह भी अब आंटा ,चावल,दाल, सरसों तेल जैसे आवश्यक राशन की सॉर्टेज  बताकर वापस लौटा देता है । जिसके कारण धंधा चौपट होने को है । वहीं पूर्व मुखिया उमेश कुंवर कवि ,प्यारे दास , गुड्डू कुमार सहित अन्य लोगों नें बताया कि लाॅकडाउन से पहले 28 से 30 रूपए किलो आंटा बिकता था, जो लाॅकडाउन के बाद 45रूपए प्रति किलो , 40 रूपए किलो मिलने वाली चावल अब 55 रूपए प्रति किलो , दाल 80से 85 रूपए किलो एवं सरसों तेल 125रूपए लीटर खरीदना आमलोगों की विवशता हो गयी है ।